
बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने वाली है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में एक महाआंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस आंदोलन का नाम रखा गया है – “मतदाता अधिकार यात्रा”, जिसका मकसद है कथित वोट चोरी के खिलाफ आवाज़ उठाना और मतदाता सूची को पारदर्शी बनाना।
तेजस्वी यादव और महागठबंधन भी साथ
इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सीपीआई(एम-एल) के दीपांकर भट्टाचार्य, और महागठबंधन के सभी सहयोगी दलों के बड़े नेता शामिल होंगे। विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ़ चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जंग है।
यात्रा का रूट और कार्यक्रम
17 अगस्त को औरंगाबाद से औपचारिक शुरुआत
पहला पड़ाव डेहरी (रोहतास) और औरंगाबाद में जनसभा
18 अगस्त को औरंगाबाद से गया तक रैली और रात्रि विश्राम
19 अगस्त को नवादा–नालंदा
21 अगस्त को शेखपुरा–लखीसराय–मुंगेर
आगे चलकर यात्रा पहुंचेगी: कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, बेतिया, गोपालगंज, सीवान, छपरा, भोजपुर
1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में विशाल रैली के साथ समापन
जनांदोलन का रूप
राहुल गांधी ने इस यात्रा को “जनांदोलन” का नाम दिया है। उनका कहना है –
“यह लड़ाई वोट चोरी के खिलाफ है। हम हर नागरिक के वोट के अधिकार की रक्षा करेंगे। यह लोकतंत्र और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की लड़ाई है।”
युवाओं और किसानों से अपील
इस यात्रा में खास तौर पर युवाओं, किसानों और मजदूरों को जोड़ने की अपील की जा रही है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि अगर वोट चोरी रुकी नहीं तो लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में पड़ जाएगी।
👉 संक्षेप में:
17 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाली यह यात्रा सिर्फ़ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि बिहार में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन भी मानी जा रही है। अब देखना होगा कि जनता इस “मतदाता अधिकार यात्रा” को कितना समर्थन देती है।